Thursday 28 April 2011

ZINDAGI

ज़िन्दगी इतनी अछी भी नहीं की हस्सी आये
इतनी सुन्दर भी नहीं की ख़ुशी झलके
इतनी बुरी भी नहीं की जी न जाए !!!!!!!!

ज़िन्दगी...........................
शादी........................ज़िन्दगी का अंत एक औरत के लिए या नयी ज़िन्दगी की SHURUAAT